ईरान की आर्टिस्ट ने तस्वीरों में दिखाई देश की महिला विरोधी तस्वीर
जयपुर. ईरान में महिलाओं पर शरिया कानून, हिजाब और अन्य पाबंदियों ने वहां की आधी आबादी को विरोध करने पर मजबूर कर दिया है। दमनकारी नीतियों के खिलाफ वहां की कलाकारों भी अपने तरीके से विरोध दर्ज करवा रही हैं। इसी की बानगी देखने को मिली जवाहर कला केन्द्र के सुकृति आर्ट गैलरी में।
आर्ट एंड फोटोग्राफी इंटरनेशनल एग्जिबिशन ‘केसरिया’ के सांखा शुभ्र डे बिस्वास ने बताया कि ‘तोबुआविमान इनिशिएटिव’ के तहत 25वीं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में देश के अलग-अलग शहरों से 39 और ईरान की 11 महिला आर्टिस्ट्स की 125 पेंटिंग्स और 10 फोटोग्राफ्स को प्रदर्शित किया गया है।
ईरानी महिलाओं के जज्बातों को दी जुबां
ईरान की सीनियर आर्टिस्ट निलोफर गफ्फरी ने पत्रिका प्लस से बातचीत में बताया कि वह ईरान की 11 महिला पेंटर्स की क्रिएशन के साथ पहली बार जयपुर आई हैं। बकौल निलोफर, ’ यह पहली बार है जब ईरानी आर्टिस्ट्स की पेंटिंग्स यहां एग्जिबिट हुई हैं। पेंटिंग्स में इन महिला आर्टिस्ट्स ने ईरान में हिजाब विरोध, महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को उकेरा है। तस्वीरों के जरिए ईरान की आम महिला के जज्बातों को जुबां देने की कोशिश की गई है।’ प्रदर्शनी में मदर नेचर, ईरान की महिला वॉरियर, कमल सी कोमल नारी और काजार स्टाइल खास रहीं।
जयपुर की लोक कला एक ही तस्वीर में
वहीं होम मेकर विनीता सिंह ने ऑयल ऑन कैनवास पेंटिंग में कल्पना में उभरे नैन-नक्शों को दो चेहरों में ढाला है। उन्होंने बताया कि घर की जिम्मेदारियां के इतर पेंटिंग बनाना उन्हें क्रिएटिव बनाता है। ऐसे ही 2019 में बैंक की नौकरी छोड़कर पेंटिंग्स को अपना पैशन बनाने वाली मुग्धा खंडेलवाल ने अपनी पेंटिंग्स में जयपुर की लोक कलाओं को जगह दी है।