मोदी की जिनपिंग को दो टूक, रिश्तों में सुधार के लिए एलएसी का करें सम्मान

जोहान्सबर्ग. ब्रिक्स सम्मेलन के आखिरी दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई। इस दौैरान दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पश्चिमी क्षेत्र में 'शीघ्र पीछे हटने' पर सहमति व्यक्त की। इसकी पुष्टि भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने की है।
क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्राध्यक्ष के साथ बातचीत में 'अनसुलझे मुद्दों' पर भारत की चिंताओं को सामने रखा। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है।
विदेश सचिव के अनुसार दोनों देश संबंधित अधिकारियों को शीघ्रता से सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए। इस बीच, ब्रिक्स समूह में छह नए देशों को जोड़े जाने पर सहमति बन गई है। अब समूह का नाम भी बदल कर ब्रिक्स प्लस किए जाने का सुझाव दिया गया है।
दक्षिण अफ्रीकी अखबार चंद्रयान-3 और पीएम मोदी की सराहना से अटे रहे। पीएम के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति ऐसा ही एक समाचार पत्र देखते।
जोहान्सबर्ग में शिखर सम्मलेन के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग साथ-साथ चलते और बात करते हुए।
ब्रिक्स का विस्तार
2024 से ब्रिक्स में होंगे 11 सदस्य दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने गुरुवार को ब्रिक्स में छह नए देशों मिस्र, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया, अर्जेंटीना और ईरान को शामिल करने का ऐलान किया। ये जनवरी 2024 से सदस्य होंगे। ब्रिक्स के विस्तार पर पीएम मोदी ने कहा, खुशी है कि हमारे बीच विस्तार पर सहमति बन सकी।
यूएन में बदलाव नहीं किए जाने पर तंज
पीएम मोदी ने कहा है समूह का विस्तार एक संदेश है कि दुनिया के सभी संस्थानों को बदलते समय के अनुसार खुद को ढालने की जरूरत है। पीएम के कथन को सुरक्षा परिषद में कोई विस्तार नहीं किए जाने पर टिप्पणी माना जा रहा है।
भुगतान की नई मुद्रा पर अध्ययन: शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स देशों के समूह ने भविष्य में ’भुगतान की एक नई मुद्रा’ के निर्माण का अध्ययन करने के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।