Surat News: सूरत की जेल में हर महीने 25 हजार हीरे तराश रहे कैदी

सूरत सेंट्रल जेल अधीक्षक जे.एन. देसाई के मुताबिक संभवत: यह दुनिया की एकमात्र जेल है, जहां कैदी प्राकृतिक हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग कर रहे हैं।

Aug 24, 2023 - 11:11
Surat News: सूरत की जेल में हर महीने 25 हजार हीरे तराश रहे कैदी

सूरत. गुजरात की मॉडर्न जेलों में शामिल सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल अपनी अनूठी मुहिम को लेकर सुर्खियों में है। कैदियों के सितारे उनके पिछले कामों के कारण भले गर्दिश में हों, जेल में हीरों को तराशने का काम कर वे अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रहे हैं। जेल प्रशासन ने कैदियों को सुधारने की मुहिम के तहत जेल में हीरे तराशने की व्यवस्था की है।

प्रशिक्षण के बाद कैदी हर महीने करीब 25 हजार हीरों की पॉलिश करते हैं। सूरत में दुनिया के करीब 95 फीसदी हीरे तराशे जाते हैं। इसमें छोटी-सी भागीदारी सूरत सेंट्रल जेल के कैदियों की भी है। जेल में लगाई गई डायमंड पॉलिशिंग यूनिट में 107 कैदी हीरे तराशने का काम कर रहे हैं। यहां कैदियों को कट और पॉलिशिंग से जुड़ी तकनीक के बारे में ट्रेनिंग दी गई। वे काम और प्रोफाइल के हिसाब से हर महीने 20,000 रुपए तक कमा रहे हैं।

3000 कैदियों को अलग-अलग काम

सूरत सेंट्रल जेल में करीब 3,000 कैदी हैं। इनमें से ज्यादातर फर्नीचर, पेंटिंग, मूर्तिकला और फोटो कॉपी समेत विभिन्न व्यापारिक काम करते हैं। इस सूची में डायमंड पॉलिशिंग का काम भी जुड़ गया है। जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे विपुल मेर (33) ने कहा, दस साल से जेल में हूं। हीरों की पॉलिशिंग ने कमाई का मौका दे दिया। इसके कारण जेल में रहने के बावजूद परिजनों की मदद कर सकता हूं।

निजी खर्च के लिए हर महीने 2100 रुपए

पॉलिशिंग यूनिट में काम कर रहे कैदी नियम के अनुसार अपनी कुल कमाई में से निजी खर्च के लिए हर महीने 2,100 रुपए लेते हैं। बाकी रकम उनके परिजनों को भेज दी जाती है। यहां काम कर रहे एक कैदी सत्यम पाल (23) ने बताया कि वह हर महीने 8,000 रुपए कमा लेता है। उसका इरादा जेल से छूटने पर हीरा पॉलिश के कारीगर के तौर पर काम करने का है।