Conference on e-Governance: जनता को लग रहा है कि सरकार तक बात रखो तो सुनवाई होती है Union Minister Dr. Jitendra Singh
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इंदौर ई-गवर्नेंस पर सम्मेलन: शेर सुनाकर बोले केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह. वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई तो दो लाख शिकायतें पूरे साल में आती थीं। आज यह बढ़कर 22 लाख हो गईं। इसका अर्थ ये नहीं कि सरकार से लोग नाराज हैं। जनता को लग रहा है कि सरकार तक बात रखो तो सुनवाई होती है। ये बात कार्मिक, लोक शिकायत पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कही। वे शुक्रवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में ई-गवर्नेंस के 26वें सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मिर्जा गालिब का शेर सुनाया... ‘जब तवक्को ही उठ गई गालिब, क्यूं किसी का गिला करे कोई।’
मंत्री डॉ. सिंह ने कहा, गिला तब किया जाता है, जब आपको मालूम हो कि वहां से उत्तर मिलेगा। देश अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री की परिकल्पना के आधार पर शासन मॉडल लागू किया जा रहा है। सुशासन का लक्ष्य आम लोगों के लिए ईज ऑफ लिविंग है।
ऑनलाइन काम से बढ़ा आउटपुट
सिंह ने कहा कि पिछले 9-10 वर्षों में बहुत से ऐसे फैसले लिए, जिससे नागरिक असमंजस में थे, लेकिन बाद में सबको समझ आए। इसका बड़ा उदाहरण डिजिटल इंडिया है। घोषणा के छह साल बाद कोविड आया तो भारत सरकार के प्रशासनिक कामकाज में एक दिन भी विलंब नहीं हुआ। ऑनलाइन काम से आउटपुट बढ़ गया। डिजिटल हेल्थ का बड़ा उदाहरण रहा कि भारत ने बाकी दुनिया को कोविड वैक्सीन का उपहार दिया।
ह्म्ष् जनधन योजना के खातों में सरकार ने पैसे डाले। सरकार बनने पर विभाग में पहला आदेश हुआ और अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कुरीतियों को समाप्त किया। राजपत्रित अधिकारी से हस्ताक्षर कराने की प्रथा खत्म की।
चेहरा देख सत्यापन
सिंह ने कहा कि सबसे पहले प्राइवेट में फेस रिकोग्नाइजेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया। अब पेंशनधारियों के लिए भी सुविधा हो गई है। चेहरा मोबाइल पर दिखाओ तो आधार से सत्यापन होता है। 60 सेकंड में बैंक के पास सर्टिफिकेट पहुंच जाता है। मप्र में डिजिटल गवर्नेंस इंडेक्स जिले तक है, जिसे ब्लॉक तक ले जाया जा रहा है। स्वमित्र कार्यक्रम की मिसाल दी जाती है। अब नागरिक खुद अपनी जमीन की नपती, किसान खेत की मैपिंग कर सकता है।
ये रहे मौजूद: आयोजन में प्रदेश के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, एमपी इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के अध्यक्ष शैतान पाल सिंह, विभाग के संयुक्त सचिव एनपीएस राजपूत, एमपी इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के एमडी अभिजीत अग्रवाल मौजूद थे।