पुलिस को दुष्कर्म पीड़िता का नाम चार्जशीट में रखना होगा गोपनीय

नहीं हो रहा था पालन
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2018 में निपुन सक्सेना विरुद्ध संघ शासन के मामले में और हाईकोर्ट ने वर्ष 2020 में दुष्कर्म पीड़िताओं के नाम व पहचान को गोपनीय रखने संबंधी कई आदेश दिए हैं, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा था। दुष्कर्म के मामलों की चार्जशीट में पीड़िताओं का नाम गोपनीय रखने में लापरवाही बरती जा रही थी। इसे बिना लिफाफा के और बिना सीलबंद किए ही पेश कर दिया जा रहा है। अन्य दस्तावेजों में भी पीड़िता का नाम उजागर हो जाता था। इस तरह की लगातार शिकायतें मिल रही थी।
आदेश-निर्णय में भी पहचान न हो उजागर
दुष्कर्म से जुड़े सभी मामलों में न्यायालय की ओर से किसी प्रकार का आदेश और निर्णय दिया जाता है, तो उसमें भी दुष्कर्म पीड़िता के नाम को उजागर नहीं करना है। इसे गोपनीय रखना है। इसके अलावा पब्लिक डोमेन में भी दुष्कर्म और पॉस्को से जुड़े मामले में पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं करने कहा गया गया है।
सभी थाना प्रभारियों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए पत्र जारी किया गया है। चार्जशीट में दुष्कर्म पीड़िता का नाम गोपनीय रखना है। इसे नियमानुसार सीलबंद करके पेश करना है। -चंचल तिवारी, एएसपी-आईयूसीएडब्ल्यू, रायपुर