Delhi Vadodara Expressway दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे के लिए 74 हजार पेड़ों की बलि, कैग की आपत्ति
Delhi Vadodara Expressway नई दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे के लिए 74 हजार पेड़ों की बलि, कैग की आपत्ति. कैग ने राजस्थान, हरियाणा मध्यप्रदेश में निर्मित हो रहे दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे के लिए 74 हजार 778 पेड़ काटने के साथ 3875.48 हेक्टेयर उपजाऊ कृषि भूमि और 556.76 हेक्टेयर जंगल भूमि के अधिग्रहण पर आपत्ति जताई है।
कैग ने भारत माला परियोजना के चरण-1 की रिपोर्ट मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश करते हुए ग्रीन फील्ड दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे को लेकर कई बड़ी खामियां गिनाते हुए उन पर टिप्पणी की है।
एनएचएआइ ने दिसंबर 2018 में इस एक्सप्रेसवे को 31 प्रोजेक्ट में विभाजित कर इसके निर्माण के लिए 32839 करोड़ रुपए सिविल लागत और 11209.21 करोड़ रुपए पूर्व निर्माण लागत को मंजूरी दी थी।
लागत-लाभ का विश्लेषण नहीं किया
लागत लाभ विश्लेषण ने तीन ब्राउन फील्ड हिस्सों को विकसित करने के वैकल्पिक प्रस्ताव को चुनने में 8700 पेड़ों की कटाई के जोखिम का जिक्र किया।
ग्रीन फील्ड दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस वे के लिए काटे जाने वाले पेड़ों के संबंध में ऐसा कोई लागत-लाभ विश्लेषण नहीं किया गया। वहीं, पर्यावरणीय कारकों पर विचार करते हुए समग्र रूप से विकल्प भी तैयार नहीं किया गया।
केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय ने कैग की आपत्तियों पर अप्रेल 2022 में जवाब दिया था। उनकी ओर से कहा गया है कि यह एक्सप्रेसवे केंद्र और राज्य के वैधानिक अधिकारियों के उचित अनुमोदन से स्वीकृत हुआ है।
इसके साथ जंगल भूमि के न्यूनतम विचलन, पेड़ों की कटाई, वन्य जीव विचलन के लिए सुरक्षा उपायों और जल निकायों के संरक्षण, सामाजिक मुद्दों को ध्यान में रखा गया है। दावा किया गया कि इस कॉरिडोर के विकास से वन्यजीव आवास और वन आवरण की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।