पूर्व मंत्री के बेटे सहित दो के खिलाफ प्रसंज्ञान। एफएसएल ने की फर्जीवाड़े की पुष्टि

Jul 29, 2023 - 22:23
जयपुर : जयपुर महानगर-प्रथम क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (क्रम संख्या-4) न्यायालय ने 30 साल पहले फर्जी दस्तावेज बनाकर विधानसभा के पास ज्योति नगर क्षेत्र में प्लाट हड़पने के मामले में पूर्व मंत्री परसराम मोरदिया के बेटे राकेश मोरदिया व एक अन्य के पक्ष में पुलिस की एफआर खारिज हो चुकी है।
कोर्ट ने प्रसंज्ञान लेकर राकेश मोरदिया व नेमीचंद गर्वा को 5-5 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया है। दोनों आरोपियों को 22 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया गया है। जमानती वारंट तामील करवाने की जिम्मेदारी डीसीपी साउथ को दी गई है। कोर्ट ने जगदीश चन्द्र भार्गव के मामले के अग्रिम अनुसंधान करवाने व पुलिस की एफआर को नामंजूर करने वाले प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया।
एफएसएल ने की फर्जीवाड़े की पुष्टि
पुलिस ने अपराध में लिप्तता नहीं मानते हुए राकेश व अन्य के खिलाफ एफआर पेश की थी, वहीं एफएसएल रिपोर्ट में आरोपियों द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने की पुष्टि की गई। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि पुलिस इस मामले के प्रथम चालान के साथ पेश अभियोजन के गवाहों की सूची से राकेश मोरदिया का नाम हटा दे क्योंकि किसी व्यक्ति को अपने खिलाफ ही साक्ष्य देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने कहा कि कूटरचित समर्पण पत्र पर राकेश व नेमीचंद की लिखावट है, ऐसे में एफएसएल रिपोर्ट से साबित है कि भूखंड हड़पने के लिए आरोपियों ने फर्जीवाड़ा किया। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज से प्रार्थी के हक समाप्त कर राकेश के पक्ष में हक सृजित किया।

26 साल तक रखी एफएसएल रिपोर्ट : पुलिस ने इस मामले में एफएसएल रिपोर्ट को 26 साल तक थाने में ही रखा और कोर्ट की सख्ती के बाद इसे पेश किया गया।