Aditya L-1 Mission Hindi: सूरज की ओर बढ़ेगा इन सात घोड़ों का रथ: उपग्रह के पे-लोड, नाम और उनके काम
Aditya L-1 Mission Hindi: बेंगलूरु. सूर्य पर भेजे जाने वाले आदित्य एल-1 उपग्रह में कुल सात वैज्ञानिक उपकरण या पे-लोड हैं जो सूर्य-कोरोना के अत्यधिक गर्म होने, सौर हवाओं की गति बढ़ने के साथ-साथ कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमइएस) से जुड़ी भौतिक प्रक्रियाओं को समझने में मददगार साबित होंगे।
भारत का यह मिशन सौर लपटों के कारण धरती के मौसम पर पड़ने वाले प्रभावों और इलेक्ट्रॉनिक संचार में उत्पन्न होने वाली बाधाओं का भी अध्ययन करेगा। इससे बहुत महत्त्वपूर्ण नतीजे आने की उम्मीद है। सूर्य की सीध में होंगे चार पे-लोड इसरो ने कहा है कि, जिन 7 वैज्ञानिक पे-लोड का प्रयोग किया जा रहा है उनमें से चार सूर्य की सीध में होंगे। ये चार पे-लोड लगातार सूर्य पर नजर रखेंगे। वहीं, अन्य तीन पे-लोड लग्रांज-1 बिंदु पर वहां के क्षेत्रीय प्रभावों और कणों का अध्ययन करेंगे। इससे हमें सौर गतिशीलता के अंतरग्रहीय प्रभावों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
सूरज की ओर बढ़ेगा इन सात घोड़ों का रथ: उपग्रह के पे-लोड, नाम और उनके काम
1. विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफ ( वीईएलसी) : यह उपकरण भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आइआइए) बेंगलूरु ने तैयार किया है। यह उपकरण सूर्य कोरोना का विभिन्न मानदंडों पर विश्लेषणात्मक अध्ययन करते हुए उससे होने वाले उत्सर्जन की उत्पत्ति और गतिशीलता का पता लगाएगा साथ ही चुम्बकीय क्षेत्र व उसके प्रभाव को मापेगा।
2. सोलर अल्ट्वायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (सुइट): यह सूर्य के बाह्य प्रभामंडल और वर्णमंडल के करीब से अल्ट्रावायलेट (200-400 एनएम ) तस्वीरें उतारेगा और सूर्य के प्रकाश विकिरण की विविधताओं को मापेगा। इस उपकरण को आयुका (आइयूसीएए) ने तैयार किया है।
3. आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एसपेक्स) : यह उपकरण सौर हवाओं के गुणों की विविधता का अध्ययन करेगा। साथ ही इसके प्रसार और वर्णक्रमीय विशेषताओं के बारे में जानकारी जुटाएगा। इसे भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) ने तैयार किया है।
4. प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (पापा): यह उपकरण सौर हवाओं की संरचना को समझेगा और उसके ऊर्जा विस्तार के बारे में जानकारी देगा। इस वैज्ञानिक उपकरण को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) की इकाई अंतरिक्ष भौतिक प्रयोगशाला (एसपीएस) तैयार किया है।
5. सोलर लो एनर्जीएक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (सोलेक्स): यह सौर कोरोना को अत्यधिक गर्म करने वाले तंत्र को समझने के लिए एक्स-रे किरणों की निगरानी करेगा। इसे यूआर राव उपग्रह केंद्र में तैयार किया गया।
6. हाई एनर्जी एल-1 आर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर : यह पे लोड सूर्य में होने वाले विस्फोट के दौरान कोरोना की परिवर्तनशील घटनाओं का अध्ययन करेगा और साथ ही उत्पन्न ऊर्जा के बारे में अध्ययन करेगा। इसका विकास यूआर राव उपग्रह केंद्र, उदयपुर सौर वेधशाला और पीआरएल ने संयुक्त रूप से किया है।
7. एडवांस्ड ट्राइ एक्सल हाई रिजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर: इस उपकरण का उपयोग कर अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र के परिमाण और प्रकृति को मापा जाएगा। इसका विकास लेबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक सिस्टम्स (लिओस) और यूआर राव उपग्रह केंद्र ने संयुक्त रूप से किया है।