भाजपा के जिला अध्यक्ष खुद नहीं बांट सकेंगे प
नई दिल्ली: प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों की घोषणा के बाद अब कार्यकर्ता सभी संगठनात्मक जिलों की इकाई गठित होने का इंतजार कर रहे हैं। इसमें कुछ समय लग सकता है। प्रत्येक जिले की टीम वहां के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की सलाह से बनेगी। जिलाध्यक्ष अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे। उनकी राय जरूर ली जाएगी, लेकिन अन्य की सहमति भी जरूरी है। स्वतंत्रता दिवस के बाद यह प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक अगस्त को प्रदेश पदाधिकारियों के साथ सभी 14 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा की थी । चांदनी चौक, नवीन शाहदरा और नजफगढ़ को छोड़कर अन्य 11 जिलों में अध्यक्ष बदल दिए गए हैं। अब इन जिलों में महामंत्री, उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की जानी है। पहले कहा जा रहा था कि जिलाध्यक्ष को अपनी
- प्रभारी व सह-प्रभारी व स्थानीय नेताओं के सुझाव होंगे महत्वपूर्ण
- सितंबर के पहले सप्ताह तक गठित कर दी जाएगी जिलों की टीम
टीम बनाने का पूरी स्वतंत्रता होगी। वह अपनी पसंद के कार्यकर्ताओं को टीम में रखेंगे, लेकिन इस तरह की छूट उन्हें नहीं मिलेगी। उन्हें स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश नेतृत्व की पसंद का ध्यान रखना होगा।
जिलाध्यक्षों को अभी पुरानी टीम के साथ ही काम करना होगा, क्योंकि नई टीम के गठन में समय लगेगा। पार्टी की प्राथमिकता इस समय हर घर तिरंगा अभियान, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस और स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों के आयोजन पर है। स्वतंत्रता दिवस के बाद जिला प्रभारी व सह-प्रभारियों की घोषणा होगी। इनके साथ मिलकर जिलाध्यक्ष पद के संभावित दावेदारों पर चर्चा करेंगे। उसके बाद वहां के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की राय लेकर सूची तैयार की जाएगी। अंतिम निर्णय प्रदेश नेतृत्व लेगा ।
भाजपा नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव की तैयारी में जमीन पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस कारण जिला और मंडल की टीम बनाने में किसी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। योग्य, अनुभवी व लोगों के बीच सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिलों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की कोशिश होगी। उम्मीद है कि सितंबर के पहले सप्ताह तक सभी जिलों की टीम घोषित हो जाएगी। उसके बाद मंडलों की टीम गठित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।