नई दिल्ली सलीमगढ़ किले के ढह रहे हिस्से का शुरू हुआ संरक्षण कार्य
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सलीमगढ़ किला (स्वतंत्रता सेनानी स्मारक ) में अब पीछे के भाग में भी संरक्षण कार्य शुरू हो गया है। एएसआई ने किले के ढह रहे इस हिस्से के लिए भी टेंडर कराकर काम शुरू कर दिया है। इससे पहले किले के लिए संरक्षण कार्य के लिए जो बजट दिया गया था, उससे किले के सामने वाले हिस्से में काम शुरू किया गया था।
इकलौते बचे गुंबद का भी संरक्षण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन पीछे की तरफ ढह रहे हिस्से पर ध्यान नहीं दिया गया था। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को उठाया था और अप्रैल के अंतिम सप्ताह में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद एएसआइ ने रणनीति बदली और किले के पिछले भाग में संरक्षण कार्य के लिए टेंडर किए गए और अब काम शुरू हो गया है।
सलीमगढ़ किला दो मुख्य मार्गों के बीच आता है। राजघाट से जाते समय रिंग रोड पर इसका लाल किला के तरफ का हिस्सा दिखाई देता है। दूसरा रिंग रोड पर महाराणा प्रताप बस अड्डे की ओर से आकर जैसे ही सलीमगढ़ बाईपास पर वाहन चालक चढ़ते हैं, तो सड़क की दाईं ओर यह किला आ जाता है। दोनों ओर के हिस्सों में किले की दशा सुधारी गई है, दिख रहे गुंबद को फिर से ठीक किया गया, लेकिन पिछले हिस्से में भी अब काम शुरू हो जाने से इस किले को और मजबूती मिल गई है।
यह किला लाल किला से पहले का बना है। पहले औरंगजेब ने इसे जेल के रूप में उपयोग किया था। आजादी की लड़ाई के समय अंग्रेजों ने इसे जेल बनाया था। कई स्वतंत्रता सेनानी यहां रखे गए थे। यह इकलौता ऐसा किला है, जिसे स्वतंत्रता सेनानी स्मारक नाम दिया गया है। सलीमगढ़ किला शेरशाह सूरी के पुत्र सलीम शाह सूरी द्वारा 1546 ईसवी में बनवाया गया था, लेकिन यह किला मूल निर्माताओं का अधिक दिनों तक निवास नहीं बन सका, क्योंकि 1555 ईसवी में सूरों ने हिंदुस्तान का शासन खो दिया था।