न खुद कुछ करेंगे, न किसी को करने देंगे प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर कड़ा प्रहार
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधन में उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से विपक्ष का एक धड़ा पुराने ढर्रे पर चल रहा है। वह खुद तो कुछ करेगा नहीं, न किसी को करने देगा। देश ने वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए संसद की आधुनिक इमारत बनाई। संसद में सबका प्रतिनिधित्व होता है, लेकिन विपक्ष के इस धड़े ने नई इमारत का भी विरोध किया।
मोदी ने कहा, इन लोगों ने 70 साल तक वॉर मेमोरियल तक नहीं बनाया। हमने बनाया तो आलोचना करते हुए शर्म नहीं आई। सरदार पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है। कुछ दल चुनाव के समय सरदार को याद कर लेते हैं, लेकिन आज तक इनके एक भी बड़े नेता ने इस मूर्ति के दर्शन नहीं किए।
विरासत पर गर्व मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में अमृत रेलवे स्टेशन गर्व से भर देंगे। जयपुर रेलवे स्टेशन में हवामहल, आमेर फोर्ट जैसी राजस्थान की धरोहरों की झलक होगी।
जम्मू-कश्मीर का जम्मू तवी रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर से प्रेरित होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि भी जुड़े। मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, ब्रिटेन और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में नौ साल में बिछाए गए। आधुनिक ट्रेनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
राजस्थान के 55, एमपी के 34
स्टेशनों की पुनर्विकास योजना 25 हजार करोड़ रुपए की है। इन 508 स्टेशनों में 55-55 उत्तर प्रदेश और राजस्थान, 34 मध्य प्रदेश, 49 बिहार, 44 महाराष्ट्र, 37 पश्चिम बंगाल, 32 असम, 25 ओडिशा, 22 पंजाब, 21-21 गुजरात और तेलंगाना, 20 झारखंड, 18-18 आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु, 15 हरियाणा और 13 कर्नाटक के शामिल हैं।
सकारात्मक राजनीति के मिशन पर हम मोदी ने कहा, हम नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक राजनीति के मार्ग पर मिशन के रूप में चल रहे हैं। किस राज्य में किसकी सरकार है, कहां किसका वोट बैंक है, इससे ऊपर उठकर हम देश में विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। हम जी-जान से सबका साथ, सबका विकास चरितार्थ करने में जुटे हैं।