Muharram 2023: आज निकलेंगे 400 से ज्यादा ताजिये। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की शांति-सौहार्द रखने की अपील
Muharram 2023 जयपुर. हजरत इमाम हुसैन की शहादत पर इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने मोहर्रम की दस तारीख को यौम-ए-आशूरा (मोहर्रम) शनिवार को मनाया जाएगा। शहर में मातमी धुनों के बीच ताजिये निकाले जाएंगे। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से ताजिये बड़ी चौपड़ पहुंचेंगे। ताजियों में शामिल होने के लिए अकीदतमंद का सैलाब उमड़ेगा। शाम को कर्बला मैदान पहुंचने पर ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। वहीं, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने समाजजनों से शहर में शांति और सौहार्द की अपील की है।
इससे पूर्व शुक्रवार को कत्ल की रात पर पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में शहर के विभिन्न इलाकों से ताजिए निकाले जाए, जो कि बड़ी चौपड़ पहुंचे। इस दौरान ताजियों की चकाचौंध और शहर के ज्यादातर इमामबाड़ों की ओर से निकाले गए ताजियों की सजावट को देखने के लिए बड़ी संख्या में अकीदतमंद उमड़े। इन ताजियों को वापस इमामबाड़ों में लाया गया। इस मौके पर अकीदतमंद को शर्बत, चाय, कॉफी, पानी, खीर, हलवा सहित अन्य खाद्य सामग्री बांटी गई।
जियारत के बाद पढ़ी फातेहा।
जौहरी बाजार हल्दियों का रास्ता ऊंचा कुंआ स्थित सलीम मंजिल में अकीदतमंदों ने कुलाहे मुबारक टोपी की जियारत की और फातेहा पढ़ी। अकीदतमंद को तबर्रुक भी बांटा गया। गौरतलब है कि 1876 में अफगानिस्तान के तत्कालीन बादशाह ने हकीम मोहम्मद सलीम खां को ये टोपी भेंट की थी। तभी से यह यहां सुरक्षित रखी है।
मांगी मन्नत बड़ी संख्या में लोगों ने ताजिये के नीचे से निकलकर मन्नत मांगी।
रियासतकालीन घाटगेट स्थित मोहल्ला महावतान बिरादरी का 10 फीट ऊंचा सोने-चांदी के ताजिये के समक्ष हाजिरी देने के लिए शाम को जयपुर समेत अन्य जिलों से अकीदतमंद पहुंचे। आजम खान ने बताया कि शीशम की लकड़ी से बने ताजिये पर चांदी के कलश व सोने से बनी जरी लगाने के बाद माला पेश की गई। बड़ी संख्या में लोगों ने ताजिये के नीचे से निकलकर मन्नत मांगी।
आज निकलेंगे 400 से ज्यादा ताजिये।
400 से ज्यादा ताजिये शनिवार दोपहर जुलूस के रूप में निकलेंगे। विशेषकर मोहल्ला महावतान, गुलजार मस्जिद, चांदपोल स्थित मोहल्ला तवायफान, पन्नीगरान, नीलगरान, हांडीपुरा, जालूपुरा व लुहारों का खुर्रा सहित अन्य मुस्लिम बाहुल्य इलाकों के ताजिये विशेष हैं। इन पर उर्दू में अलग-अलग नाम उकेरे गए हैं। साथ ही, माइका व अभ्रक से तुर्की की मस्जिद, अजमेर शरीफ तथा मुंबई की हाजी अली की दरगाह, कर्बला शरीफ, मक्का मदीना को दर्शाया गया है।