एक मंदिर ऐसा भी...ब्याह की चाह में चुराते हैं पार्वती की मूर्ति
हिण्डोली. बूंदी. माना जाता है कि सावन में पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं, लेकिन बूंदी जिले के हिण्डोली कस्बे में एक ऐसा शिव मंदिर भी है, जहां से कुंवारे युवक-युवती ब्याह की चाह में माता पार्वती की मूर्ति चुरा ले जाते है।
ब्याह होने के बाद वह मूर्ति वापिस रख जाते है। ऐसा पिछले 50 साल से हो रहा है। इस बार एक साल पहले मंदिर से कोई पार्वती की मूर्ति चुराकर ले गया था, वह वापस नहीं आई है। तब से शिवजी अकेले ही विराजमान है। अधिकांश समय गायब रहती है मूर्ति हिण्डोली के राम सागर झील किनारे स्थित रघुनाथ घाट पर तीन मंदिर बने हुए हैं। पहले मंदिर में ब्रह्मा और गणेश, दूसरे में शिव और पावर्ती तथा तीसरे में रघुनाथ विराजे हुए हैं। इनमें से शिव मंदिर का बड़ा महत्व है। यहां शिवलिंग के साथ एक तरफ पार्वती की मूर्ति लगी हुई है। यह मूर्ति अधिकांश समय गायब रहती है।
इसके पीछे मान्यता है कि ब्याह की आस में कुंवारे युवक या युवती इस मूर्ति को चुपके से चुराकर घर ले जाते हैं। वे घर पर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि उस पर माता गौरी प्रसन्न हो जाती है और उनका विवाह हो जाता है। विवाह के बाद वे वापस मंदिर में मूर्ति को रख जाते हैं।
दो दर्जन प्रतिमाएं अब तक गायब मंदिर के पुजारी रामबाबू पाराशर के अनुसार अब तक दो दर्जन से ज्यादा बार मूर्ति चोरी हो चुकी हैं। आम तौर पर मूर्ति चोरी के बाद एक से लेकर सात माह के भीतर वापस आ चुकी हैं, लेकिन इस बार मूर्ति को चोरी हुए एक साल से ज्यादा समय हो गया। मूर्ति किसके पास है, किसी को पता नहीं। मूर्ति चोरी की कभी थाने में एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई। ऐसे पहुंच सकते हैं मंदिर राम सागर झील किनारे रघुनाथ घाट जाने के लिए हिण्डोली स्थित नेशनल हाईवे से सीधे रास्ता जाता है। यहां से डाक बंगले से मुस्लिम मोहल्ले होते हुए मंदिर तक पहुंचते हैं। बूंदी से आने वाले लोग सीधे पाल बाग रोड से होते हुए रघुनाथ घाट मंदिर पहुंच सकते हैं।