हिंदी - ब्रेन टॺूमर में सुबह के समय तेज सिरदर्द और उल्टी, आंखों की रोशनी भी कम होती दिमाग से जुड़े लक्षण और बीमारियों की आशंका

Jul 23, 2023 - 19:53
Jul 23, 2023 - 20:01

हमारे शरीर को चलाने में या फिर किसी भी तरह का निर्णय लेने में दिमाग मदद करता है। दिमाग, दिल की धड़कन को सामान्य रखने, सांस को अनियंत्रित होने से रोकने, शरीर के तापमान को बनाए रखने और रक्तचाप को स्थिर रखने का काम करता है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि जब हम कोई अच्छी या बुरी खबर सुनते हैं तो हमारी सांस तेज हो जाती या शरीर का तापमान बदलने लगता है। उस स्थिति में मस्तिष्क ही इसे कंट्रोल करता है। मस्तिष्क विभिन्न इंद्रियों की मदद से देखकर, छूकर, चखकर हमें अपने आसपास होने वाली प्रक्रिया के बारे में बताता है। मस्तिष्क हमें सोचने व समझने की शक्ति भी देता है। हमारा दिमाग ही वह पावर है जो पूरी बॉडी को निर्देश देता है। मानव दिमाग इतना शक्तिशाली है कि ऐसा तंत्र बनाना लगभग असंभव जैसा है।

क्या है ब्रेन डिसऑर्डर (मस्तिष्क विकार)।

मेंटल डिसऑर्डर या ब्रेन डिसऑर्डर को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। मस्तिष्क से संबंधित हर बीमारी में मरीज देरी से आते हैं। ब्रेन या मेंटल डिसऑर्डर के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान लें तो सामान्य जीवन जीने में जल्दी मदद मिल सकती है। इससे जल्दी ठीक होने की संभावना भी बढ़ जाती है। वहीं देरी से समस्या बढ़ती है।

दिमाग से जुड़े लक्षण और बीमारियों की आशंका

सुबह के समय सिर दर्द होना: ब्रेन ट्यमूर दिमाग की बड़ी बीमारियों में से एक है। इसकी वजह से दिमाग की नसें दबने लगती हैं और इसका कामकाज कम होने लगता है। इसका सबसे आम लक्षण अगर सुबह सिर के दर्द के साथ उल्टी है। इसके अलावा और जी मिचलाना, मूड चेंज, दौरे आना, कम दिखना,आदि। 

चेहरे के एक तरफ सुन्न पड़ना: यह ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण है। कई बार लकवा ब्रेन ट्यूबर के कारण भी हो जाते हैं। दिमागी कोशिकाएं मरने से शरीर पर नियंत्रण, सोचने-समझने की क्षमता खत्म होने लगती है। इसमें अचानक चेहरे या शरीर के एक तरफ सुन्नपन, बोलने या देखने में भी दिक्कत होने लगती है। 

गंभीर सिरदर्द के साथ अचानक बुखार: किसी इंफेक्शन के बाद तेज सिर दर्द और अचानक बुखार होता है तो इंसेफलाइटिस यानी दिमागी बुखार हो सकता है। इंफेक्शन के कारण गंभीर-तेज सिरदर्द के साथ अचानक बुखार, उल्टी और दौरे भी आ सकते हैं।

दिखने में दिक्कत और संतुलन बिगड़ना: मल्टीपल स्क्लेरोसिस नर्वस सिस्टम की बीमारी हो सकती है। दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करती है। 

ब्रेन की समस्या में क्या-क्या हो सकता मस्तिष्क पूरे शरीर का नियंत्रण केंद्र है। तंत्रिका तंत्र का हिस्सा, जिसमें रीढ़ की हड्डी, नसों और न्यूरॉन्स का एक बड़ा नेटवर्क भी शामिल है। तंत्रिका तंत्र आपकी इंद्रियों से लेकर आपके पूरे शरीर की मांसपेशियों तक सब कुछ नियंत्रित करता है। जब मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होता है, तो न केवल शारीरिक लक्षण जैसे लकवा, संतुलन बनाने में समस्या आदि लक्षण दिखते हैं बल्कि स्मृति, संवेदना और यहां तक कि व्यक्तित्व सहित कई अलग-अलग चीजों को प्रभावित करता है। 

मस्तिष्क से जुड़ी 4 प्रमुख समस्याएं 

  1. ब्रेन इंजरी: इसमें मस्तिष्क से जुड़ी सभी तरह की चोटें आती हैं जिनसे ब्रेन को नुकसान पहुंचता है।
  2.  2. ब्रेन ट्यूमर्स: ब्रेन में कई तरह की गांठें होती हैं। यह दिमाग के सभी लोब्स यानी हिस्से में हो सकती हैं। इनमें से कुछ गांठें कैंसर वाली भी हो सकती हैं। लक्षण भी अलग होते हैं।
  3. न्यूरोडिजेनेरेटिव रोग: इसमें कई तरह के मानसिक रोग आते हैं जैसे पार्किंसन्स, अल्जाइमर्स, डिमेंशिया आदि। ये बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ होती हैं। 
  4. 4. मेंटल डिसऑर्डर: डिप्रेशन, एंग्जाइटी, बाइपोलर डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर आदि शामिल हैं। ये सभी मानसिक रोग हैं। इसके प्रमुख कारणों में खराब दिनचर्या, तनाव, चिंता आदि हो सकते हैं। यह हर उम्र में हो सकता है।

मस्तिष्क को कैसे स्वस्थ रखें

हैल्दी डाइट लें। संतुलित आहार लेना जरूरी है। ताजा फल-सब्जियां, अंकुरित अनाज, साबुत अनाज लें। नियमित वॉक, व्यायाम, योग-ध्यान करें। 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें। कम नींद से भी परेशानी होती है। ब्रेन एक्टिव रखने वाले व्यायाम क्रॉसवर्ल्ड, पजल्स, सूडोकू आदि खेलें। सामाजिक और पारिवारिक संबंधों पर ध्यान रखें। तनाव वाले कार्यों से दूर रहें। बीपी-शुगर है तो नियंत्रित रखें। डॉ. एस.एन. गौतम, न्यूरो सर्जन व विभागाध्यक्ष मेडिकल कॉलेज, कोटा