अशोक विहार में दो करोड़ से अधिक नकदी व जेवरात लूटने वाले चार बदमाश गिरफ्तार

Aug 15, 2023 - 10:38

नई दिल्ली: अशोक विहार में एक व्यवसायी के परिवार को गन प्वाइंट पर एक घंटे तक बंधक बना दो करोड़ से अधिक नकदी व जेवरात लूटने के मामले में क्राइम ब्रांच ने वारदात में शामिल चार बदमाशों को गिरफ्तार कर केस की गुत्थी सुलझा ली है। 

वारदात में शामिल फरार एक अन्य की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस ने डकैती में इस्तेमाल एक कट्टा व दो कारतूस भी बरामद किए हैं। इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने दो लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी। केस सुलझाने पर अरोड़ा ने अपराध शाखा की टीम की सराहना की और उन्हें पुरस्कृत किया ।

विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम जितेंद्र उर्फ संजू (मंगोलपुरी), छुट्टन लाल (उत्तराखंड), अजय पाल (संभल, उत्तर प्रदेश) व महिपाल ( उत्तराखंड ) है । सात मई को अशोक विहार थाना पुलिस ने डकैती व आर्म्स एक्ट में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था। तीन माह तक मामला अनसुलझा रहा।

 क्राइम ब्रांच को केस ट्रांसफर करने पर पुलिस टीम ने बदमाशों की पहचान कर पहले जितेंद्र को गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर एक कट्टा व दो कारतूस बरामद किए गए। सात मई को तड़के पांच नकाबपोश हथियारबंद बदमाश अशोक विहार इलाके में एक व्यवसायी के घर में उस समय घुस गए थे जब व्यवसायी के माता-पिता, पत्नी, बहन और अपने बच्चों के साथ घर में सो रहे थे।

 उनमें तीन के पास चाकू और घर तोड़ने के उपकरण थे। पीड़ित का पेपर ट्रेडिंग का कारोबार है। उनका भूतल पर कार्यालय है। पहली मंजिल पर व्यवसायी रहते हैं। बदमाश भूतल पर लगी खिड़की की लोहे की ग्रिल काट दी थी और आफिस के रास्ते घर में घुसने में कामयाब हो गए थे। उन्होंने पहले आफिस में तोड़फोड़ की लेकिन कुछ नहीं मिला ।

आफिस के रास्ते घर में घुसने के बाद बदमाशों ने सभी को जगाकर पूरे परिवार को गन प्वाइंट पर बंधक बना लूटपाट शुरू कर दी। नकदी व जेवरात न मिलने पर उन्होंने व्यवसायी पर बल्ले से हमला कर नकदी और आभूषण बारे में पूछताछ की। बदमाश करीब एक करोड़ से ज्यादा की नकदी और करीब 2 किलो आभूषण लूटकर फरार हो गए । भागते समय उन्होंने सभी को एक कमरे में बंद कर दिया था और उनके मोबाइल और डीवीआर सेटअप अपने साथ लेकर भाग गए थे।

अपराध की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त आयुक्त एसडी मिश्रा, डीसीपी सतीश कुमार, एसीपी एशपाल सिंह व इंस्पेक्टर अक्षय के नेतृत्व में एसआइ रवि भूषण, राहुल, हवलदार विनोद की टीम ने निरंतर प्रयास के बाद 26 जुलाई को जितेंद्र को रोहिणी से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर कृष्ण विहार, सुल्तानपुरी स्थित किराए के घर से एक कट्टा व दो कारतूस बरामद किए गए। उससे पूछताछ कर अन्य आरोपितों के बारे में पता लगाया।

वह वारदात में शामिल अन्य बदमाशों के नाम नहीं जानता था । केवल उनके शहर के बारे में उसे पता था, जिससे क्राइम ब्रांच की टीम यूपी के मुरादाबाद, चंदौसी, संभल, अलीगढ़, ठाकुरद्वारा, रामपुर के इलाके में दूरदराज के गांवों से लेकर शहरों की घनी आबादी वाले इलाकों सहित 50 से अधिक स्थानों और काशीपुर, रामनगर, उत्तराखंड के क्षेत्र में 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। लगातार प्रयास और छापेमारी के बाद बदमाशों की पहचान कर चार अगस्त को छुट्टन लाल को काशीपुर से गिरफ्तार किया। 

गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था। वह लगातार यूपी के मुरादाबाद, रामपुर, संभल और उत्तराखंड के काशीपुर में घूम रहा था। उसके बाद पांच अगस्त को अजय पाल को संभल से गिरफ्तार किया गया । 11 अगस्त को महिपाल को उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तारी से बचने के लिए वह गांवों के बाहर फूस की झोपड़ियों को ठिकाने के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। डकैती को जितेंद्र, मिराज उर्फ मेहराज, अजयपाल, छुट्टन लाल और महिपाल ने अंजाम दिया था। मिराज उक्त घटना का मास्टरमाइंड था। उसने वारदात को अंजाम देने से पहले अशोक विहार में रेकी की थी। वारदात को अंजाम देने से करीब पांच दिन पहले अजयपाल ने छुट्टन और महिपाल को डकैती डालने के लिए बुलाया था। 

छुट्टन और महिपाल रघुबीर नगर में अजय की बहन ( सरोज) के घर पहुंचे थे। योजना के अनुसार सभी पांचों बदमाश रघुबीर नगर के घोड़े वाला मंदिर में इकट्ठे हुए, जहां पर एक-दूसरे से मिले और उनमें से प्रत्येक द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को अंतिम रूप दिया। घर में प्रवेश करने के बाद बदमाशों ने पहले शिकायतकर्ता के पिता को बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया और घर के सभी सदस्यों को एक कमरे में इकट्ठा कर उन्हें शोर मचाने से मना किया।

प्रत्येक कमरे से नकदी व जेवरात लूटने के बाद बदमाश लूटे गए सामान को सब्जियों के दो बैग में भर लिए। लूटपाट के बाद वे रेलवे लाइन के किनारे-किनारे जखीरा तक गए और वहां से आटो लिया। उन्होंने लूटे गए सामान को अजय की बहन के घर पर बंटवारा किया ।