Operation Vishwas: के दौरान कैसे ढूंढे पुलिस ने लोगों के फोन
Operation Vishwas नई दिल्लीः फोन खोने या स्नैचिंग के बाद पुलिस के नहीं ढूंढ पाने की वजह से काफी लोग ट्वीट कर शिकायत कर रहे थे। कई बुजुर्ग भी ऐसी कंप्लेंट लेकर आ रहे थे।
इससे ख्याल आया कि अगर फोन खोजने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाए तो जनता का भरोसा जीता जा सकता है। यह कहना है शाहदरा जिले के डीसीपी रोहित मीणा का । उन्होंने बताया कि अभियान का नाम भी \'ऑपरेशन विश्वास\' रखा गया। महज 15 दिन में 7 राज्यों से ऐसे 205 मोबाइल खोज कर लोगों को लौटाए गए। अभियान की पूरा कहानी डीसीपी ने एनबीटी के साथ साझा की।
- 205 चोरी और लूट के फोन बरामद करने में मिली सफलता
- 15 मोबाइल फोन चोर और लुटेरों को किया गया अरेस्ट
डीसीपी के अनुसार एएसआई दीपक कुमार की टेक्निकल टीम को जिले के सभी 11 थानों से इस साल चोरी या स्नैच किए गए मोवाइल की दी गई थी। जिले में जून तक करीब 1800 फोन खोने, झपटने या लूटने के केस दर्ज थे। पता चला कि 251 फोन चालू हैं। इनकी लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाई गई।
इसके बाद दिल्ली और एनसीआर में चल रहे फोनों को ढूंढने की जिम्मेदारी थानों के एसएचओ की टीमों को दी गई। एसीपी वाली 5 टीमों को दूसरे राज्यों में भेजा गया। इनमें से 600 से ज्यादा बरामद कर लिए गए थे। पुलिस अफसरों ने बताया कि अभियान के दौरान 15 आदतन अपराधी पकड़े गए, जिनसे कई लीड मिली । अब इस तरह के फोन की खरीद-फरोख्त करने का धंधा करने वालों को ढूंढा जा रहा है।
विहार गई टीम के हेड कॉन्स्टेबल आसमीन ने बताया कि वो और एचसी कवींद्र नवादा जिले के फुलवरिया गांव में विहार पुलिस के साथ रात 9:00 बजे फोन इस्तेमाल करने वाले के घर पहुंचे। लड़का भाग गया और गांव वाले विरोध करने लगे। झारखंड बॉर्डर स्थित ये गांव नक्सल प्रभावित है।
रात 10:00 बजे वहां से 3-4 किलोमीटर पैदल चल रजौली कस्वे में रुके। अगले दिन सुबह फिर गांव पहुंचे और फोन वरामद कर लिया। ईस्टर्न यूपी के बहराइच भेजी टीम को पता चला कि फोन यूज करने वाला नेपाल में जॉब करता है, जिससे संपर्क किया और वो वॉर्डर पर आकर फोन दे गया। इस दौरान टीमों को कहीं बाढ़ तो कहीं बारिश से भी जूझना पड़ा।