चीनी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड होगी दिवालिया। मंदी का संकट: चीन में थमा विकास का पहिया
न्यूयॉर्क. चीन की इकॉनमी सुस्त है, एक्सपोर्ट गिरा है, मैन्यूफैक्चरिंग का दम निकल गया है, देश में डिफ्लेशन की स्थिति है। दुनियाभर की कंपनियों के साथ चीनी की कंपनियों ने भी देश से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। खुद चीन के लोग आशंकित हैं।
इस बीच चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड ने अमरीका में दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है। चीन में 2021 में रियल एस्टेटसंकट शुरू हुआ। तब से कई कंपनियां डिफॉल्ट कर चुकी हैं।
एवरग्रांड ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में चैप्टर-15 के तहत दिवालिया संरक्षण के लिए आवेदन किया है। इसमें विदेशी कंपनियों की संपत्ति को अमरीका में सुरक्षा मिलती है। यानी लोन देने वाले बैंक कंपनी के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते हैं और न ही उसके एसेट्स को जब्त कर सकते हैं। इससे अमरीका में भी हड़कंप मच गया है। एवरग्रांड पर 300 अरब डॉलर का कर्ज है। रियल एस्टेट का संकट चीन में दूसरे सेक्टर्स को भी अपनी चपेट में ले सकता है।
इसलिए चीन की अर्थव्यवस्था पस्त
चरम पर बेरोजगारी: जून में चीन के शहरी क्षेत्रों में 16 से 24 साल के युवाओं के लिए बेरोजगारी दर 20% के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। यह चीन में आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ने का अहम संकेत है।
निर्यात में गिरावट: चीन के एक्सपोर्ट में जुलाई में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई। जून में निर्यात पिछले साल के मुकाबले 14.5% गिरा था जो जुलाई में जून के मुकाबले 0.9% और घटा। अमरीका को होने वाला निर्यात भी 13% गिरा।
विदेशी निवेशकों ने मुंह मोड़ा: चीन से विदेशी निवेशक किनारा कर रहे हैं और जापान-भारत जैसे देशों की कंपनियों में निवेश कर रहे हैं। अमरीका से बढ़ रहे तनाव के कारण चीन को नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीन की कंपनियां भी देश छोड़कर बाहर जा रही हैं।