लंबे समय तक सहमति से संबंध रेप नहीं
न्यायाधीश एम. नागप्रसन्न ने कहा कि 6 साल तक सहमति से संबंध बनाने के बाद अगर रिश्ते में लगाव कम हो जाता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि संबंधों को आधार मानकर बलात्कार का दावा किया जाए। इस संबंध में महिला की ओर से 2021 में दावणगेरे महिला पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया था।
पीठ ने इंदिरानगर और दावणगेरे महिला पुलिस थाने में दर्ज एफआइआर को रद्द कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि यौन संबंध 6 साल तक चला, जिसके चलते यह नहीं माना जा सकता कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत रेप के लिए दंडनीय होगा। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मिसाल के तौर सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों का जिक्र भी किया।