लंबे समय तक सहमति से संबंध रेप नहीं

Aug 11, 2023 - 23:43
Aug 11, 2023 - 23:42
बेंगलूरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि सालों तक सहमति से संबंध रखने के बाद अगर जोड़े के बीच लगाव कम हो जाए तो बलात्कार का दावा नहीं किया जा सकता। एक याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह बात कही।

न्यायाधीश एम. नागप्रसन्न ने कहा कि 6 साल तक सहमति से संबंध बनाने के बाद अगर रिश्ते में लगाव कम हो जाता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि संबंधों को आधार मानकर बलात्कार का दावा किया जाए। इस संबंध में महिला की ओर से 2021 में दावणगेरे महिला पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया था।

पीठ ने इंदिरानगर और दावणगेरे महिला पुलिस थाने में दर्ज एफआइआर को रद्द कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि यौन संबंध 6 साल तक चला, जिसके चलते यह नहीं माना जा सकता कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत रेप के लिए दंडनीय होगा। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मिसाल के तौर सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों का जिक्र भी किया।

साल 2013 में हुई थी दोस्ती

दावणगेरे महिला पुलिस थाने में दर्ज एफआइआर के अनुसार महिला की साल 2013 में फेसबुक पर एक शख्स से दोस्ती हुई थी। दोनों का घर एक-दूसरे के नजदीक था। इसलिए आए दिन शख्स उसे यह कहकर अपने घर ले जाता था कि वह बहुत अच्छा शेफ है। बुलाने पर वह उसके घर जाती थी। उसके बाद दोनों बीयर पीते और उसके बाद संबंध बनाते थे। यह सिलसिला करीब 6 साल तक चलता रहा।

इसके बाद दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया और दोनों अलग हो गए। इसके बाद महिला ने 8 मार्च 2021 को इंदिरानगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। निचली अदालत ने उसे जमानत दे दी। जमानत के बाद महिला दावणगेरे पुलिस स्टेशन गई और वहां पर भी उसी आरोप को आधार बताकर मामला दर्ज करवाया।