क्या है रैंसमवेयर : 6 साल में रैंसमवेयर के हमलों से 2.6 लाख करोड़ का नुकसान

Jul 24, 2023 - 09:53

क्या है रैंसमवेयर: रैंसमवेयर एक तरह का मैलवेयर है, जिसमें हैकर्स किसी संस्था के कम्प्यूटर सिस्टम में मौजूद फाइलों पर नियंत्रण कर लेते हैं और बाद में डाटा वापसी के लिए बड़ी रकम की मांग करते हैं।

नई दिल्ली. दुनियाभर के वित्तीय संगठनों पर 2018 के बाद से इस साल जून तक लगभग 225 रैंसमवेयर अटैक हुए हैं, जिससे केवल डाउनटाइम (वह समयावधि जब कंपनियों का संचालन प्रभावित रहता है) के दौरान ही वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को 2.6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। इन हमलों में कम से कम 3.23 करोड़ से ज्यादा व्यक्तिगत डाटा में सेंध लगी। हैकर्स अमरीका, कनाडा और फ्रांस के वित्तीय संगठनों को सर्वाधिक शिकार बना रहे हैं। क्या करते हैं हैकर्स : आमतौर पर हैकर्स की नजर बड़ी व नामचीन कंपनियों पर रहती है ताकि वे बड़ी मात्रा में डाटा चोरी करने के बाद मनचाही कीमत वसूल सकें। लेकिन अगर कोई संगठन मांगी गई रकम नहीं दे पाता है, तो उसके निजी वित्तीय डाटा को डार्क वेब पर कई गुना कीमत पर बेच दिया जाता है।

भारत में छह साल में पांच हमले

2018 से भारत के वित्तीय संगठनों पर पांच रैंसमवेयर अटैक हुए हैं, जो राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक से जुड़े थे। ग्लोबल सिक्योरिटी कंपनी साइबरआर्क के सर्वे में भी पाया गया कि भारत की 10 में से नौ कंपनियों ने पिछले साल फिरौती संबंधी साइबर हमले का सामना किया।

सर्वाधिक हमले इंश्योरेंस कंपनियों पर

इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी इंटेलिजेंस कंसल्टिंग के अनुसार वित्त जगत में डाउनटाइम की प्रति घंटा लागत 76 करोड़ रुपए होती है, जो अनुमान से काफी ज्यादा है। 2018 के बाद से वित्तीय संगठनों के मामले में इंश्योरेंस कंपनियों पर सबसे ज्यादा (65) रैंसमवेयर अटैक देखे गए हैं।

इन देशों में सबसे ज्यादा हमले

देश हमलों की संख्या
अमरीका 111
कनाडा 17
फ्रांस 15
ब्रिटेन 13
ऑस्ट्रेलिया 06

1.4 करोड़ दस्तावेज पर अटैक : पिछले साल विश्व में लगभग 35 लाख से अधिक दस्तावेज रैंसमवेयर अटैक से प्रभावित हुए थे। लेकिन इस साल यह आंकड़ा 1.4 करोड़ से ज्यादा हो गया है।